Tuesday, June 18, 2019

चर्चा में रहे लोगों से बातचीत पर आधारित साप्ताहिक कार्यक्रम

बाद में उन्हें बीजेपी के यूथ विंग - भारतीय जनता युवा मोर्चा में भेजा गया जहां 1991 में उन्होंने इसकी कमान संभाली. ये वो वक्त था जब बीजेवाईएम कई राज्यों में फैला. उस वक्त वे सिर्फ 31 साल के थे.
आखिरकार पार्टी ने उन्हें दोबारा हिमाचल प्रदेश भेजा. हालांकि बीजेपी 1993 के विधानसभा चुनावों में सरकार नहीं बना पाई लेकिन नड्डा विधायक चुने गए. उसी कार्यकाल में उन्हें विपक्ष का नेता भी बनाया गया जबकि कई वरिष्ठ नेता इस पद पर नज़र लगाए हुए थे.
1998 में नड्डा फिर से विधायक चुने गए. उस वक्त नरेंद्र मोदी वहां पार्टी के प्रभारी थे और बीजेपी ने पूर्व टेलीकॉम मंत्री सुख राम की पार्टी की मदद से सरकार बना ली थी.
उन्हें तब राज्य सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया. 2003 का चुनाव तो वे हार गए लेकिन 2007 में फिर से जीते. तब पर्यावरण और विज्ञान एवं तकनीक मंत्री बनाए गए.
जब नितिन गडकरी 2010 में बीजेपी अध्यक्ष बने तो उन्होंने नड्डा को महासचिव बनाया. नड्डा ने हिमाचल कैबिनेट छोड़ा और दिल्ली आ गए.
हिमाचल प्रदेश में अब तक कोई राजपूत ही मुख्यमंत्री बनता आया है लेकिन उसी राज्य से एक ब्राह्मण नेता को बीजेपी की टॉप पोजीशन दी गई है.
नड्डा बिलासपुर ज़िले के रहने वाले हैं जहां 2017 विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों एम्स का शिलान्यास करवाया था.
पटना में अपने छात्र राजनीति के दिनों में इंदिरा गांधी की सत्ता के खिलाफ वे जेपी आंदोलन में शामिल हुए.
उनकी पत्नी मल्लिका नड्डा मध्य प्रदेश के नेता जयश्री बैनर्जी की बेटी हैं और उनके दो बेटे हैं. मल्लिका हिमाचल यूनिवर्सिटी में इतिहास की प्रोफेसर रही हैं और अभी हाल ही में उन्होंने नौकरी छोड़ी है. वे सामाजिक कामों से जुड़ी हैं.
उनके कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद अब अटकलों को भी विराम लग गया है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की कुर्सी उन्हें मिलने वाली है.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ़ ग़फूर ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह से कहा है कि क्रिकेट मैच और एयर स्ट्राइक दोनों अलग-अलग चीज़ें हैं इसलिए दोनों की तुलना नहीं की जा सकती. ग़फ़ूर ने कहा है कि भारत ने मैच इसलिए जीता क्योंकि अच्छा खेला.
गफ़ूर ने अपने ट्वीट में लिखा है, ''डियर अमित शाह, आपकी टीम बढ़िया खेली इसलिए जीत मिली. दोनों चीज़ें अलग-अलग हैं इसलिए इसकी तुलना नहीं कर सकते. स्ट्राइक और मैच दोनों अलग बात है. अगर आपको शक है तो 27 फ़रवरी को याद कीजिए. हमने दो भारतीय विमान मार गिराए थे.''
ग़फ़ूर ने अपने अगले ट्वीट में कहा है, ''इंडियन एयर फ़ोर्स की स्ट्राइक नाकाम रही थी. दो विमान मार गिराए, एक पायलट को गिरफ़्तार किया. भारतीय चौकियों को नियंत्रण रेखा के पास हमने भारी नुक़सान पहुंचाया.''
दरअसल, अमित शाह ने 16 जून को वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत की जीत पर एक ट्वीट किया था. उस ट्वीट में अमित शाह ने लिखा था, ''टीम इंडिया की ओर से पाकिस्तान पर एक और स्ट्राइक और नतीजा वही. इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पूरी टीम को बधाई. सभी भारतीयों को इस बड़ी जीत पर गर्व है.''
भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ़ के एक काफ़िले चरमपंथियों के हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले का दावा किया था, लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन मात्र किया था. इसी दौरान पाकिस्तान ने भारत के एक पायलट अभिनंदन को गिरफ़्तार कर लिया था और बाद में रिहा कर दिया था.

Tuesday, June 11, 2019

印度版“大气十条”恐难以服众

在过去几年中,有关印度空气污染危机的报道一直占据着新闻头条。首都德里的污染状况和公众健康成本在媒体报道中已成为“民族危机”。

不仅如此,科学家们还报告说,空气污染还会影响气候模式,其中包括能够给南亚地区带来赖以生存的重要降雨的季风。

当然,这个问题并不是印度所独有的。孟加拉国的首都达卡也面临着空气污染的威胁。巴基斯坦国内监测站数量不足则表明该国对危机的认识不足

在印度,冬季来临之前焚烧秸秆产生的雾霾笼罩德里,空气污染也在此时达到峰值。不过污染问题会持续一整年,而且不止是德里,小城市里的污染问题甚至有可能更加严重。但是,由于数据收集量有限,而且媒体很少关注,使得这些省份的问题基本上都被忽视了。

清洁空气计划

在这种背景下,由印度环境、森林和气候变化部起草的“国家清洁空气计划”(NCAP)被寄予厚望。
​在19页的“国家清洁空气计划草案”中有很大一部分是在质疑、轻视世界卫生组织等国际组织的研究成果。在空气污染问题上,内政部、中央污染控制委员会(CPCB)和国家污染控制委员会仍基本上持否定态度。

随着印度人呼吸系统疾病发病率越来越高,城市里的医生发现这类疾病的发病率,尤其是儿童和老人罹患此类疾病的几率与污染严重的地区之间有着直接的关系。因此,政府部门的上述否认缺乏可信度。

更令人惊讶的是,目前该部门的领导本人正是一位医生;他作为一名医务工作者的亲身经历,以及与同事之间的交流本应该能够说服他,让他明白空气污染问题并未被任何人夸大

值得欣慰的是,环境部与印度医学研究委员会(ICMR)联合组建了一个团队,重点研究空气污染对健康的影响。但现在,NCAP草案指出,该团队的报告将由环境和卫生部门进一步审查。虽然做好研究很重要,但不应以此作为推迟行动的借口。不幸的是,NCAP草案给人的印象就是出于这样的目的。
该计划直到5月17日才开始征求公众意见。不幸的是,由于草案编制水平较差,在咨询独立专家和空气污染受害者之后,恐怕需要重新起草。尤其是在当下,世界卫生组织(WHO)声明称,2010-2016年全世界15个污染最严重的城市中有14个在印度,重新编制草案就更加重要。 该草案更加详细地探讨了监测和测量城市空气污染的方式,以及如何按比例对污染程度承担相应的责任。它还涵盖了全国空气质量指数(NAQI)的最新发展。这些都是很有必要的,但到此为止是不够的。其实目前已经有很多关于污染程度和污染源的数据可以确保行动开展

这是NCAP草案失败的地方。它唯一建议立即采取的行动就是在路边种植更多的树木来吸收污染物。同样,这是有必要的,但远远不够。

执法不严

印度有许多控制空气污染的法律、规则和准则。问题在于这些法律法规的执行力度不够严格,远远未达到所需的程度。NCAP草案在实施问题上,唯一值得一提的一点就是指出,需要扩大和培训中央污染和控制委员会以及州污染控制委员会的干部队伍

同样,这显然是必要的,但必然是一个长期的过程,缺乏应对空气污染问题所需要的迫切行动。即使是CPCB的42点行动计划也没有体现出紧迫感

除此之外,NCAP草案中关于实施的部分中大部分都是已有的措施,对于哪些措施有效、哪些无效,以及其背后的原因则几乎不加甄别。德里和首都地区的分级响应行动计划(GRAP)就是一个例子。

虽然该计划是由非常专业的专家组主导,但他们在实施方面所作的尝试都面临着工厂主、房地产经纪人、运输商、汽车制造商、农民甚至中央和州政府各级部门的挑战和游说,最终达成的结果最多不过是部分实行。NCAP草案没有提到短期内如何改善这种情况。

政治意愿仍显不足

解决印度空气污染问题难度很大,特别是在恒河平原这个风速相对较小的大山谷,大气中的污染物难以扩散。可是其他一些国家的山谷,虽然小很多,但污染物都被清除了,特别是洛杉矶所在的南加利福尼亚山谷。理论上讲,同样的措施本该在印度也奏效,关键在于是否有落实措施的政治决心。

要求一个政府部门起草的草案讨论政治决心或许有点要求太高,但它一定可以讨论如何提高公民参与的积极性。

印度很多城市,特别是北部地区的城市的居民如今会一边谈论着严重的空气污染问题,一边仍会开着柴油跑车,去买家用的空气净化器。

德里也许是世界上唯一一个因为司机不守交规导致快速公交通道计划破产的城市。所以迫切需要采取行动打击此类行为。

同样亟待解决的是,官员和技术专家需认可空气污染的民间监测。在北京,当居民们将简易的污染监测应用程序下载到他们的智能手机上,并开始四处分享污染指数后,有关方面才加大了空气污染的防控力度

在印度,同样的尝试刚一冒头便引起了部委和中央污染控制委员会的极大反对,他们的官员怀疑空气检测仪的准确性并称其未进行正确校准。

技术专家们忽略了一点,相比空气质量已严重危害人们的事实,特定污染物浓度的准确性没那么重要。当然,官员需要数据来处理污染物及其来源。但接受和认可,而不是质疑人们的诉求才能更有力地落实相关法规。